Defense Exports: दुनिया में ‘Make in India’ हथियारों की मांग बढ़ी
10 साल में दस गुना हुआ रिकॉर्ड वृद्धि
Defense Exports: लगभग दस वर्षों में रक्षा निर्यात दस गुना बढ़ गया है। हमारे हथियारों की दुनिया भर में अच्छी मांग है, जो उन्नत तकनीक से बने हैं। दस साल पहले जो शस्त्र निर्यात 2 हजार करोड़ रुपए था, वह अब 21 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। हमारा देश रक्षा क्षेत्र में वैश्विक विनिर्माण केन्द्र बन रहा है। पिछले दस वर्षों में निर्यात में हुई वृद्धि इसका प्रमाण है।
Defense Exports पर खुलासा खुद केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। वह मध्य प्रदेश के मऊ छावनी स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर कई रोचक बातें सामने आईं। उन्होंने कहा कि वह 2029 तक रक्षा निर्यात को 50 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
ये युद्ध हैं बड़ी चुनौती: Defense Exports
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), प्रॉक्सी युद्ध, विद्युत चुम्बकीय युद्ध, अंतरिक्ष युद्ध और साइबर हमले सहित अपरंपरागत युद्ध आज रक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों को रोकने के लिए सेना को तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व में व्याप्त युद्ध की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम घटित हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कुछ अधिकारी रक्षा अताशे के रूप में काम करेंगे। उनका प्राथमिक लक्ष्य वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना: Defense Exports
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता से ही हम अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकते हैं और तभी विश्व मंच पर हमें अधिक सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति तभी अच्छी होगी जब सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया जाएगा और देश की सुरक्षा तभी मजबूत होगी जब आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।
अर्मेनिया को तोपें, हथियार पहचान रडार, मिसाइलें आदि अर्मेनिया को निर्यात: Defense Exports
हमारे देश की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियां लगभग सौ देशों को रक्षा निर्यात करती हैं। इनमें हथियार, गोला-बारूद आदि के साथ-साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आर्टिलरी गन, डोर्नियर 228 विमान, रडार, आकाश वायु रक्षा मिसाइल और पिनाका रॉकेट शामिल हैं। यहां तक कि दुनिया का बड़ा भाई माना जाने वाला अमेरिका भी हमारे देश से कुछ रक्षा उपकरण आयात करता है। इनमें धड़, पंख, विमान के स्पेयर पार्ट्स, बोइंग और हेलीकॉप्टर के पार्ट्स शामिल हैं। हम अर्मेनिया को तोपें, हथियार पहचान रडार, मिसाइलें, रॉकेट प्रणालियां, बुलेटप्रूफ जैकेट और रात्रि दृष्टि उपकरण निर्यात करते हैं।